Ganga Nadi ki Lambai Kitni hai | गंगा नदी की लंबाई कितनी है 2023 में

गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक है, गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां का दर्जा दिया गया है हिंदू समुदाय के लोग गंगा नदी को मां गंगा के नाम से पुकारते हैं भारत में गंगा नदी का एक विशेष महत्व है क्योंकि भारत में गंगा नदी का धार्मिक महत्व एवं आर्थिक महत्व दोनों है ।

भारत में बहने वाली गंगा नदी को भारत की जीवनदायिनी नदी भी कहते हैं क्योंकि भारत की लगभग 60% कृषि आबादी इसी नदी के किनारे बसे हुए हैं इसलिए गंगा नदी का एक विशेष आर्थिक महत्व है ।

जबकि अगर हम गंगा नदी के धार्मिक महत्व की बात करें तो इसका संबंध हिंदू धर्म से है क्योंकि हिन्दू धर्म में गंगा नदी को मां गंगा का दर्जा दिया जाता है हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गंगा नदी का उद्गम कैलश में स्थित भोलेनाथ की जटाओं से हुआ है भगवान भोलेनाथ की जटाओं से होते हुए ही मां गंगा धरती में प्रवेश करती है और भारत में बहते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है।

कुछ लोगों के मन में गंगा नदी की लंबाई को लेकर सवाल होता है बहुत से लोगों के मन में गंगा नदी को लेकर कई सारे सवाल होते हैं इसलिए इस आर्टिकल में हम गंगा नदी से संबंधित इन्हीं सभी सवालों का जवाब लेकर आए हैं । अगर आप गंगा नदी की लंबाई कितनी है? गंगा नदी की चौड़ाई कितनी है?, गंगा नदी की गहराई कितनी है?, गंगा नदी कहां से निकलती है इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो आपको हमारे इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ना होगा क्योंकि हमने इस आर्टिकल में गंगा नदी से संबंधित इन सभी सवालों का जवाब दिया है।

Ganga Nadi ki Lambai Kitni hai
Ganga Nadi ki Lambai Kitni hai

Table of Contents

Ganga Nadi ki Lambai Kitni hai | गंगा नदी की लंबाई कितनी है?

गंगा नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी से निकलती है और बांग्लादेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है इसी बीच गंगा नदी 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती है यह दूरी गंगा नदी के उद्गम स्थल से बंगाल की खाड़ी के मुहाने तक है जबकि गंगा नदी की वास्तविक लंबाई 2510 किलोमीटर है गंगा नदी का इतना लंबा और विशाल होने में बहुत सारी नदियों का योगदान है।

2510 किमी. की लंबाई के साथ गंगा नदी एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है इसके साथ ही यह भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लंबी नदी भी है तथा जलधारिता के हिसाब से यह विश्व की सातवीं सबसे बड़ी नदी है ।

गंगा नदी भारत में गंगोत्री हिमनद से लेकर फरक्का बैराज तक 2071 किलोमीटर की दूरी तय करती है जबकि बांग्लादेश में यह 454 किलोमीटर की दूरी तय करती है ।

गंगा नदी कहां से निकलती है (ganga nadi kahan se nikalti Hai)

गंगा नदी कहां से निकलती है इस बात को लेकर बहुत से लोगों के मन में काफी सवाल होते हैं क्योंकि गंगा नदी के उद्गम को लेकर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं बहुत से लोगों का मानना है कि गंगा नदी का उद्गम उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर से हुई है जो सही भी है और नहीं भी तो अब आपके मन में यह सवाल होगा कि अगर गंगा नदी का उद्गम गंगोत्री से नहीं होता तो कहां से होता है तो चलिए जानते हैं कि गंगा नदी कहां से निकलती है और आखिर गंगा नदी का उद्गम कहां से होता है ।

देखिए अगर हम बात करे गंगा नदी के उद्गम की तो गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल क्षेत्र में हिमालय के गंगोत्री हिमनद या ग्लेशियर में गौमुख नामक स्थान से निकलती हैं भागीरथी नदी के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई 3140 मीटर है उत्तराखंड के लोग मुख्य रूप से भागीरथी नदी को ही गंगा नदी मानते हैं गोमुख से निकलकर यह आगे बहती है आगे गणेशप्रयाग में भिलांगना नदी भागीरथी के साथ मिल जाती है । भिलांगना खतलिंग ग्लेश्यिर टिहरी से निकलकर गणेशप्रयाग में भागीरथी से मिलती है।

205 किमी बहने के बाद, देवप्रयाग में भागीरथी का अलकनंदा के साथ संगम होता है जिसके पश्चात अलकनंदा व भागीरथी की संयुक्त जलधारा को गंगा के नाम से जानी जाती है।

देवप्रयाग भारत के उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी गढ़वाल ज़िले में स्थित एक नगर है यह पंच प्रयाग में से एक है जहां अलकनन्दा नदी का भागीरथी नदी से संगम होता है लेकिन देवप्रयाग से पहले अलकनन्दा नदी अन्य नदियों के साथ मिलकर 4 स्थानों पर प्रयाग बनाती हैं, और देवप्रयाग को मिलाकर यह पांच प्रयाग बनाती है जिनको संयुक्त रूप से पंच प्रयाग कहते हैं ।

बद्रीनाथ के संतोपथ हिमानी से निकली विष्णु गंगा तथा धौली गंगा का विष्णु प्रयाग में संगम होता है जिसके बाद इन दोनों नदियों की संयुक्त जलधारा को अलकनंदा नदी के नाम से जाना जाता है जिसके बाद आगे नंदाकिनी नदी का अलकनंदा के साथ संगम होता है जिस स्थान पर नंदाकिनी नदी का अलकनंदा के साथ संगम होता है उसे नंदप्रयाग कहते हैं । इसके बाद कर्ण प्रयाग में अलकनंदा नदी का पिंडर नदी से संगम होता है। फिर केदारनाथ से निकली मंदाकिनी नदी ऋषिकेश से 139 किमी दूर अलकनंदा नदी के साथ मिल जाती है अलकनंदा तथा मंदाकिनी के संगम स्थल को रुद्र प्रयाग कहते हैं।

इसके बाद आगे देवप्रयाग में भागीरथी व अलकनंदा नदी का संगम होता है और यहां से भागीरथी व अलकनंदा की सम्मिलित जलधारा गंगा नदी के नाम से आगे प्रवाहित होती है। इन पाँच प्रयागों को सम्मिलित रूप से पंच प्रयाग कहा जाता है। इस प्रकार 200 किमी का पहाड़ी रास्ता तय करके गंगा नदी ऋषिकेश होते हुए सबसे पहले मैदानों का स्पर्श हरिद्वार में करती हैं।

गंगा नदी कहां से निकलती है अथवा गंगा नदी का उद्गम कहां से होता है इसके बारे में हमने इस आर्टिकल में विस्तार से बताया है लेकिन फिर भी अगर आप इसके बारे में विस्तार पूर्वक समझना चाहते हैं तो आप नीचे दिए वीडियो के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं कि वास्तव में गंगा नदी कहां से निकलती है अर्थात गंगा नदी का उद्गम कहां से होता है यह विडियो Khan Sir के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल Khan gs Research Center का है । अगर आप इस वीडियो को पूरा देख लेते हैं तो आपको यह आसानी से समझ में आ जाएगा कि वास्तव में गंगा नदी का उद्गम कहां से हुआ है ।

गंगा नदी की गहराई कितनी है (ganga nadi ki gahrai kitni hai)

गंगा नदी की गहराई कितनी है इसका कोई निश्चित माफ नहीं है क्योंकि स्थान और वर्षा के समय के आधार पर इसकी गहराई अलग-अलग होती है। लेकिन सामान्य तौर पर, इसकी औसत गहराई लगभग 33 मीटर है।

लेकिन हिमालय के निकट अपने स्रोत के पास गंगा नदी की गहराई अधिउ है लेकिन जैसे-जैसे गंगा नदी नीचे की ओर बहती है इसकी गहराई कम होती जाती है आसान शब्दों में कहें तो गंगा नदी की कोई निश्चित गहराई नहीं है स्थान, समय और मौसम के हिसाब गंगा नदी की गहराई परिवर्तन होता है ।

लेकिन सामान्य तौर पर आप गंगा नदी की औसत गहराई 33 मीटर कह सकते हैं और इंटरनेट में अधिकतर जगहों पर आपको गंगा नदी की गहराई 33 मीटर ही देखने को मिलेगी ।

Ganga Nadi ki kul Lambai Kitni hai | गंगा नदी की कुल लंबाई कितनी है?

आपको यह पता होगा कि गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है लेकिन हम आपको यह भी बता दें कि जलमार्ग के हिसाब से गंगा नदी विश्व की 7वीं सबसे बड़ी नदी है गंगा नदी की लंबाई कुल लंबाई 2,525 किमी यानि 1,569 मील हैं। गंगा नदी की यह लंबाई गंगा के उद्गम स्थल से लेकर बंगाल की खाड़ी में मुहाने तक है जबकि गंगा नदी की मूल लंबाई 2510 किलोमीटर है और आपको अधिकतर जगहों पर गंगा नदी की यही लंबाई देखने को मिलेगी।

गंगा नदी की चौड़ाई कितनी है? (ganga nadi ki chaudai kitni hai)

अगर हम बात करें गंगा नदी की चौड़ाई की तो स्थान और मौसम के हिसाब से इसकी चौड़ाई में परिवर्तन होता रहता है जब यह नदी हिमालय से निकलती हैं तो पत्थर और पहाड़ों की वजह से ये प्रवाहित होने के लिए अपने मार्ग में ज्यादा चौड़ी जगह नहीं बना पाती हैं जिसके कारण उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इसकी चौड़ाई बहुत ही कम होती है ।

हिमालय में अपने स्रोत के पास नदी की ऊपरी हिस्से में कुछ स्थानों पर गंगा नदी की चौड़ाई 10 मीटर से भी कम होती है जैसे जैसे गंगा नदी हरिद्वार से होते हुए मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है इसकी चौड़ाई बढ़ती जाती है कुछ स्थानों पर तो गंगा नदी की चौड़ाई कई किलोमीटर तक पहुँच जाती है, और पश्चिम बंगाल सुंदरबन डेल्टा इसकी चौड़ाई लगभग 25 किमी से भी अधिक फैल जाती है।

इसके साथ ही मौसम के हिसाब से भी गंगा नदी की चौड़ाई में काफी परिवर्तन होता है जैसे गर्मियों के मौसम में इसकी चौड़ाई में कमी आ जाती है तो वही बारिश के मौसम में इसकी चौड़ाई बहुत ज्यादा बढ़ जाती है ।

गंगा नदी कितने देशों में बहती है (ganga nadi kitne deshon mein bahti hai)

गंगा नदी एक अंतरराष्ट्रीय बारहमासी नदी है जो केवल दो देशों भारत और बांग्लादेश में बहती है ।

भारत के किन राज्यों से बहते हुए गंगा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है (Bharat ke kin rajyon se bahte hue ganga nadi Bangladesh Mein pravesh karti hai)

गंगा नदी भारत के 5 राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से प्रवाहित होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है । गंगा नदी पश्चिम बंगाल के फरक्का बैराज से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है जिसके बाद इसे पद्मा के नाम से जाने जाते हैं और अंततः बांग्लादेश में यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

गंगा नदी की सहायक नदियां (ganga ki sahayak nadiya)

गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है जो भारत के 5 राज्यों में प्रवाहित होती है और भारत में यह नदी कुल 2071 किलोमीटर की दूरी तय करती है इसी बीच गंगा नदी में बहुत सारी छोटी नदियां भी आकर मिलती है जिसे सामान्य तौर पर सहायक नदियां कहते हैं।

वैसे तो गंगा नदी के बहुत सारी सहायक नदी है लेकिन यमुना नदी, रामगंगा नदी, सरयू नदी, गंडक नदु, कोसी नदी, महानदी और सोन नदी गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ है जबकि चंबल और बेतवा गंगा की प्रमुख सहायक नदियां हैं‍ गंगा में मिलने से पहले यह यमुना में आकर मिलती हैं।

गंगा में बायें ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ में राम गंगा नदी, सरयू नदी, ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी शामिल हैं जबकि यमुना, चम्बल, सोन, बेतवा, केन नदी गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां दाएं और से आकर गंगा नदी में मिलती है।

यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है यह नदी हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के यमुनोत्री हिमखण्ड से निकलती है हिमालय के ऊपरी भाग में इसमें टोंस नदी आकर मिलती है तथा बाद में लघु हिमालय में आने पर इसमें गिरि और आसन नदियाँ आकर मिल जाती हैं। चम्बल, बेतवा, शारदा और केन यमुना की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। चम्बल इटावा के पास तथा बेतवा हमीरपुर के पास यमुना नदी में आकर मिलती हैं जिसके बाद यमुना नथी प्रयागराज के निकट दायें ओर से गंगा नदी में जा मिलती है ।

रामगंगा मुख्य हिमालय के दक्षिणी भाग नैनीताल के निकट से निकलकर बिजनौर जिले से बहती हुई कन्नौज के पास गंगा में मिलती है।

करनाली नदी जिसे सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है मप्सातुंग नामक हिमनद से निकलती है और उत्तर प्रदेश के अयोध्या, फैजाबाद होते हुए बलिया जिले के सीमा के पास गंगा में आकय मिल जाती है।

गंडक नदी हिमालय से निकलकर नेपाल में शालीग्राम नाम से बहती है जिसके बाद मैदानी भाग में नारायणी नदी का नाम पाती है जिसके बाद यह काली गंडक और त्रिशूल नदियों का जल लेकर प्रवाहित होती हुई बिहार के सोनपुर के निकट गंगा में आकश्र मिल जाती है। 

कोसी नदी भी गंगा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, इसकी मुख्यधारा अरुण है जो गोसाई धाम के उत्तर से निकलती है। ब्रह्मपुत्र नदी घाटी के दक्षिण से सर्पाकार रूप में अरुण नदी आगे बहती है इसके बाद कंचनजंघा शिखरों के बीच से बहते हुए यह दक्षिण की ओर 90 किलोमीटर की दूरी तय करती है जिसके बाद पश्चिम से सूनकोसी तथा पूर्व में तामूर कोसी नामक नदियाँ अरूण नदी में मिलती है जिसके बाद इसे कोसी नदी के नाम से जाना जाता है जहां से ये शिवालिक को पार करके मैदान में उतरती है तथा बिहार राज्य से बहते हुए गंगा नदी में आकर मिल जाती है। 

गंगा नदी के तट पर बसे प्रमुख शहरों के नाम

गंगा नदी भारत की सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण नदी है यही कारण है कि इस नदी के किनारे भारत के सैकड़ों शहर बसे हुए हैं लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख शहर है जो पूरी तरह से इसी नदी पर आश्रित है जिसमें देवप्रयाग, ऋषिकेश, प्रयागराज, हरिद्वार, बिजनौर, फर्रूखाबाद, कानपुर, वाराणसी, गाजीपुर, चौसा, बक्सर, पटना, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर, साहेबगंज, राजमहल, फरक्का , रामपुर हाट और मुर्शिदाबाद शहर शामिल है।

Ganga nadi ki lambai Kitni hai related FAQ

वर्तमान में गंगा नदी की कुल लंबाई कितनी है?

वर्तमान में गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है जो इसे भारत की सबसे लंबी नदी बनाता है । गंगा नदी की यह लंबाई इसके उद्गम स्थल से बंगाल की खाड़ी का हैं यह भारत की सबसे लंबी नदी हैं।

गंगा नदी भारत के कितने राज्यों में बहती हैं?

गंगा नदी भारत के पांच राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में बहती है ।

गंगा नदी कहां से शुरू और समाप्त होती है?

गंगा नदी की शुरुआत हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर से होती है। हिमालय के गोमुख से निकलकर यह नदी सबसे पहले उत्तराखंड के में प्रवेश करती है जिसके बाद उत्तराखंड से होते हुए यह उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती हैं । उत्तर प्रदेश में गंगा नदी गंगोत्री, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर तथा कर्मनासा से होते हुए बक्सर के पास एक गाँव चौसा से होते हुए बिहार की सीमा में प्रवेश करती है। बिहार में प्रवेश करने के बाद यह पटना जिले में तीन महान नदियों घाघरा, गंडक और सोन तीन महान सहायक नदियों से मिलती है जिसके बाद गंगा नदी झारखंड में प्रवेश करती है।

झारखण्ड में साहेबगंज एकलौता ऐसा जिला है जहां से गंगा नदी गुजरती है झारखण्ड के साहेबगंज और राजमहल इलाके को छुते हुए गंगा नदी पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर जाती है इस धरा गंगा नदी झारखंड में कुल 83 किलोमीटर की दूरी तय करती है

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के गिरिया नामक स्थान के समीप गंगा नदी दो शाखाओं भागीरथी और पद्मा में विभाजित हो जाती है। भागीरथी नदी गिरिया से दक्षिण की ओर बहने लगती है जबकि पद्मा नदी दक्षिण-पूर्व की ओर बहते हुए फरक्का बैराज से होते हुए बंग्लादेश में प्रवेश करती है और अंत में यह बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है ।

गंगा नदी कहां से निकलती है ?

गंगा नदी हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है‌।

गंगा नदी सबसे पहले कहां प्रवेश करती है?

हिमालय के गंगोत्री हिमनद से निकलकर गंगा नदी सबसे पहले हरिद्वार के मैदानी इलाके में प्रवेश करती है।

भारत की सबसे छोटी नदी कौन सी है?

भारत के राजस्थान राज्य में स्थित अरावरी नदी भारत की सबसे छोटी नदी है। राजस्थान में स्थित यह नदी केवल राजस्थान में ही प्रवाहित होती हैं। राजस्थान राज्य में संजू इस नदी की लंबाई लगभग 90 किलो मीटर हैं जो इसे दुनिया की सबसे छोटी नदी बनाता है।

भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी कौन सी है?

गंगा नदी के बाद गोदावरी भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है इसके साथ ही गोदावरी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदियों में से एक है इस नदी का उद्गम महाराष्ट्र की त्रंबकेश्वर पहाड़ियों से होता है यह नदी महाराष्ट्र से होते हुए छत्तीसगढ़, तेलंगाना और फिर आंध्र प्रदेश में प्रवेश करती है आंध्र प्रदेश से बहते हुए यह नदी राजमुंदरी के समीप बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। गोदावरी नदी की कुल लंबाई 1465 किलोमीटर है ।

दुनिया की सबसे लंबी नदी कौन सी है?

अफ्रीका में स्थित नील नदी दुनिया की सबसे लंबी नदी हैं, यह नदी अफ्रीका की सबसे प्रमुख नदी हैं। यह नदी विक्टोरिया झील से निकलती है जिसके बाद मिनरल से होते हुए यह नदी 6650 किलोमीटर की दूरी तय करती है और अंत में भूमध्य सागर में मिल जाती हैं।

गंगा नदी का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर :- गंगा नदी का दूसरा नाम पद्मा है

गंगा नदी को बांग्लादेश में क्या कहते हैं?

गंगा नदी पश्चिम बंगाल के फरक्का बैराज से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है जिसके बाद बांग्लादेश में यह नदी ब्रह्मपुत्र के साथ मिल जाती है जिसके बाद इसकी संयुक्त धारा को पद्मा के नाम से जाना जाता है इसके बाद बांग्लादेश में यह 454 किमी. की दूरी तय करती है और अंततः में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

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